जानिए अपने नन्ही सी जान का कैसा हो खानपान ?
क्या आप भी मातापिता होने के सुनहरे अहसास से गुजर रहे हैं और अपने शिशु के स्वास्थ्य को लेकर हमेशा सजग रहना चाहते है ताकि आपका बच्चा स्वस्थ रहे ?
आइये जानते है शिशु और उनके भोजन सम्बन्धी नियम जिनके पालन से आपका बच्चा होगा स्वस्थ|शिशु पोषण के परिदृश्य से बाल्यकाल को 3 मुख्य वय समूहों में बाट दिया गया है
1. 0- 6 महीने
2. 6-12 महीने
3. 12-24 महीने

मानव शरीर से जुड़े रोचक तथ्य
●0-6 महीने वर्ग के शिशु के लिए पोषण – इस समय माता का स्तनपान ही शिशु के लिए उत्तम भोजन होता है एवम अन्य किसी भी बाहरी पोषण की आवश्यकता नही होती है | स्तनपान करवाने से शिशु में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है और शिशु विभिन्न बीमारियों से बचा रहता है ।
स्तनपान कितनी बार करवाया जाना उचित है ?
6 महीने की आयु तक शिशु को दिन में शिशु इच्छानुसार 8 बार स्तनपान करवाये
कबतक हो स्तनपान ?
शिशु जन्म से 2 वर्ष तक कि आयु तक कम से कम स्तनपान करवाये |
●6 – 12 महीने आयुवर्ग – स्तनपान के साथ बाहरी खानपान का इस्तेमाल करना शुरू करे स्तनपान शिशु की इच्छानुसार जारी रखे
खाने को क्या दे ?
बाह्य भोजन कोमल एवम पेस्ट रूप में हो उदाहरण के लिए मीठे दूध में भिगोकर रोटी , ब्रेड , बिस्किट , दलिया, हलवा , उबले आलू का पेस्टउपरोक्त भोजन में आप घी , गुड़ एवम अन्य वसा से परिपूर्ण खाद्य सामग्री का उचित मात्रा में समावेश करे
#मिथ्या भ्रांति – एक शिशु घी या अन्य वसा को पचा सकने में असमर्थ होता है जान ले शिशु एक व्यस्क की तरह ही घी , दूध एवम अन्य पदार्थ पाचन करना शुरू कर देता है ( 6 महीने की आयु से )
#मात्रा एवम कितनी बार भोजन करने को दे ?
मात्रा ज्यादा ना रखकर पोषकता के बढ़ाये , एक चमच से शुरू कर धीरे आयुअनुसार बढाइये
★दिन में अगर शिशु स्तनपान कर रहा है तो 3 – 4 बार खाने को दे
★5 बार अगर शिशु स्तनपान नही कर रहा है
●12महीने – 2 वर्ष की आयु –
स्तनपान बालक की इच्छानुसार दे पारिवारिक भोजन का हिस्सा बच्चे को देना शुरू करे भोजन काल के मध्य इच्छानुसार केला , चिक्कू , आम, पपीता, बिस्किट दे ध्यान दे – बच्चे के साथ बैठ कर भोजन करवाने में उनकी मदद करे , भोजन पूर्व एवं भोजनोपरांत हाथ धुलवाआए |
**सभी नियम एक स्वस्थ शिशु के लिए है किसी भी अस्वस्थ शिशु में भोजन सम्बन्धी फेर बदल चिकित्सा परामर्श के साथ करे –
धन्यवाद भूपेंद्र सिंह बागोतिया ( रोहतक )